शनिवार, 1 जून 2019

अभिलाषा


कभी तुझसे कोई शिकायत नहीं हो
चाहे जैसे रहूँ चाहे जो भी सहूँ !
कभी तुझसे कोई....

तू परछाईं जैसे मेरे संग रहना
ये संसार अपना लगे चाहे सपना,
मैं सब में हमेशा तुझे खोज लूँ !
कभी तुझसे कोई ....

बढे चाहे जिम्मेदारियों का बोझ जितना
रहे मुझसे दुनिया खफा चाहे कितना,
मैं आँचल तेरे प्यार का ओढ लूँ !
कभी तुझसे कोई...

मिले वक्त थोड़ा , रहे काम ज्यादा
ना भूलूँ कभी जो किया तुझसे वादा,
मैं साए में तेरे हमेशा रहूँ !
कभी तुझसे कोई...

भटकने लगूँ गर मैं राहों से अपनी
तो तू रोक देना निगाहों से अपनी,
मैं हर वक्त तेरी नजर में रहूँ !
कभी तुझसे कोई...

कभी तुझसे कोई शिकायत नहीं हो
चाहे जैसे रहूँ चाहे जो भी सहूँ !
कभी तुझसे कोई..

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